Wednesday, September 16, 2015
Wednesday, August 19, 2015
Happy 15th August
गांधी जी
चरखा चलाकर सूत काटते , पहन अहिंसा का चोला
कर्मशील गांधी जी ने सदा सत्य ही बोला
भेदभाव का भेद मिटाकर , मानवता का रस घोला
स्वराज ,स्वदेशी का छेड़ आंदोलन , अंग्रेजी शासन था डोला
जब ली अंतिम साँस , हे राम से मुख खोला
सीधा साधा जीवन जिया , जन जन महात्मा बोला
दहशत की दावतें
माहौल में ज़हर कौन घोल गया
हमारे दिलों में कब्रें कौन खोद गया
दुआओं के हाथों में कीलें कौन ठोक गया
आज़ादी की पंजेबों को बेड़ियों में कौन बदल रहा है
एक चौथाई तो खो चुके , शेष कितने बंटवारे हैं
मंदिर मस्जिद यूँ तो अनेक बहाने हैं
धुआं , राख , चिंगारी हो , लाशों पर लाशों की सवारी हो
बोलो जिहाद या पुकारो आतंकवाद ,
बस अब ख़त्म हो जाये नफरत का ये संवाद
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